दिल्ली विश्वविद्यालय में शुरू हो रही है प्रिंसिपल की नियुक्ति प्रक्रिया, लगभग 20 अलग-अलग कॉलेजों में की जाएगी प्रिंसिपल की नियुक्ति

नमस्कार मित्रों मेरे इस पोस्ट के माध्यम से जाने कि कैसे नई दिल्ली में लगभग 20 अलग-अलग कॉलेजों में अस्थाई प्रिंसिपल की नियुक्ति की जानी है तो मेरे इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और जाने की क्या है यह मामला मामला और अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें लाइक करना ना भूले और इसे पूरा पढ़ें धन्यवाद |

नई दिल्ली 11 मार्च दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंध कॉलेज से स्थापित प्रिंसिपल की नियुक्ति संबंधित स्क्रीनिंग को चालू कर दिया गया है | आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 20 अलग-अलग कॉलेजों में अस्थाई प्रिंसिपल की नियुक्ति किस जहां की जानी है |

The process of appointment of principals is starting in 20 colleges of Delhi University

और इन सभी में से कॉलेजों दिल्ली सरकार द्वारा पोषित है जिसमें एक भर्ती कॉलेज नहीं प्रिंसिपल पद के लिए स्क्रीनिंग के बाद नामों को शॉर्टलिस्ट कर दिया गया है और उसे वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है 10 मार्च को प्रिंसिपल पद के लिए साक्षात्कार की तिथि को रखा जाएगा बताया जा रहा है कि 10 मार्च के उपरांत ने सभी कॉलेजों में भी नियुक्ति की प्रक्रिया को अमल किया जाएगा और फोरम ऑफ एडमिशन फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉक्टर हंसराज सुमन ने लंबे समय के कॉलेजों को मैं खाली पड़े प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति किए जाने की खुशी जाहिर कर दी है |

बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षों से इन कॉलेजों में कार्यवाहक या ओएसडी प्रिंसिपल काम कर रहे थे और अस्थाई प्रिंसिपल मिलने के बाद शिक्षक और गैर शिक्षक पद पर भी स्थाई नियुक्ति की संभावना भी बढ़ गई थी उन्होंने बताया कि भर्ती कॉलेज में प्रिंसिपल की पोस्ट की स्क्रीनिंग व स्कूटनी करने के बाद कॉलेज ने अपने वेबसाइट पर लगभग 25 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है तो आप वेबसाइट पर जाकर 59 लिस्ट को चेक कर सकते हैं जिसमें से 20 में द्वारों को एपीआई अश्कों के अंतर्गत सही पाया गया है वहीं दूसरी तरफ पांच उम्मीदवारों के टीचिंग एक्सपीरियंस रिसर्च आर्टिकल एजुकेशन सर्टिफिकेट की भी की कमी के कारण रिजेक्ट कर दिया गया है लेकिन कॉलेज ने उन्हें किसी भी तरह की अपनी गलती सुधारने का समय दिया था |

डॉ सुमन ने बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकांश कॉलेजों में लंबे समय से कुछ 5 साल या उससे भी लंबे समय से प्रिंसिपल के बाद खाली पड़े हुए थे इसी तरह से प्रिंसिपल अपने पद पर भी नियुक्ति न होने से टीचिंग व नान टीचिंग के परमानेंट वैकेंसी को नहीं निकाला है और जो निकाले हैं भी आरक्षण नहीं दिए हैं पैसों के कारण लाइब्रेरी में नॉन टीचिंग की नियुक्ति भी नहीं है उन्होंने बताया कि ओबीसी सेकंड टॉर्च के टीचिंग वन अट पदों को आज तक नहीं भरा गया है |

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